ज्येष्ठा नक्षत्र की विशेषताएँ
- नाम का अर्थ: सबसे वरिष्ठ या सर्वोच्च स्थिति में रहने वाला।
- स्वामी ग्रह: बुध
- चिह्न: छड़ी या छत्र (राजदंड)
- देवता: इंद्र (देवताओं के राजा)
- राशि स्वामी: मंगल
- गुण: तमसिक
- जाति: राक्षस
- शक्ति: सुरक्षा और संरक्षण की शक्ति
ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के गुण
- शक्तिशाली और प्रभावशाली व्यक्तित्व
- बुद्धिमान और चतुर
- रहस्यमयी और गुप्त कार्यों में कुशल
- संघर्षशील और आत्मनिर्भर
- आत्मसंयम और अनुशासनप्रिय
ज्येष्ठा नक्षत्र के चार चरण और उनके प्रभाव
- पहला चरण: साहसी और नेतृत्व क्षमता वाले।
- दूसरा चरण: बुद्धिमान और गुप्त रहस्यों में रुचि।
- तीसरा चरण: समाज में प्रतिष्ठा पाने वाले।
- चौथा चरण: आध्यात्मिक और शोधकर्ता स्वभाव।
ज्येष्ठा नक्षत्र से संबंधित करियर और व्यवसाय
- प्रशासनिक सेवाएँ (IAS, IPS)
- राजनीति और सत्ता से जुड़े कार्य
- खुफिया एजेंसियाँ और जासूसी कार्य
- ज्योतिष, तंत्र-मंत्र और गूढ़ विद्या
- मीडिया, पत्रकारिता और लेखन
ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ और अशुभ पहलू
- शुभ कार्यों के लिए उत्तम: नेतृत्व, प्रशासन, अनुसंधान, राजनीति।
- अशुभ कार्यों के लिए: अत्यधिक अहंकार और गुप्त षड्यंत्र से बचें।
ज्येष्ठा नक्षत्र के लिए उपाय
- भगवान इंद्र और बुध ग्रह की उपासना करें।
- हरी और पीली वस्तुओं का दान करें।
- ॐ बुधाय नमः मंत्र का जाप करें।
- गुरुजनों और बुजुर्गों का सम्मान करें।
निष्कर्ष
ज्येष्ठा नक्षत्र के जातक स्वाभाविक रूप से प्रभावशाली, बुद्धिमान और रहस्यमयी होते हैं। ये प्रशासन, राजनीति और खुफिया कार्यों में सफल होते हैं और समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।