हस्त नक्षत्र का विस्तृत विवरण

हस्त नक्षत्र 27 नक्षत्रों में तेरहवां नक्षत्र है और यह कन्या राशि (10°00' – 23°20' कन्या) में स्थित होता है। इसका स्वामी ग्रह चंद्रमा है और इसका प्रतीक हथेली (हस्त, हाथ) होता है, जो कौशल, नियंत्रण और बुद्धिमत्ता का संकेत देता है।

हस्त नक्षत्र की विशेषताएँ

  • नाम का अर्थ: हाथ या कौशल और नियंत्रण।
  • स्वामी ग्रह: चंद्रमा
  • चिह्न: हाथ की हथेली
  • देवता: सविता (सूर्य देव का एक रूप)
  • राशि स्वामी: कन्या (10°00' – 23°20' कन्या)
  • गुण: राजसिक
  • जाति: वैश्य
  • शक्ति: कौशल, सटीकता, और क्रियाशीलता की शक्ति

हस्त नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के गुण

  • कुशल और प्रतिभाशाली
  • तेज बुद्धि और चतुराई
  • व्यवसायिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण
  • धर्म और नैतिकता का पालन करने वाले
  • मनोवैज्ञानिक और प्रेरणादायक व्यक्तित्व

हस्त नक्षत्र के चार चरण और उनके प्रभाव

  • पहला चरण: मेहनती, व्यावहारिक और तार्किक।
  • दूसरा चरण: कलात्मक और रचनात्मक।
  • तीसरा चरण: मानसिक रूप से मजबूत और अनुशासित।
  • चौथा चरण: व्यवसायिक कौशल और नेतृत्व क्षमता।

हस्त नक्षत्र से संबंधित करियर और व्यवसाय

  • शिल्प, कला और हस्तकला
  • लेखन, साहित्य और संपादन
  • चिकित्सा और आयुर्वेद
  • शिक्षा और अध्यापन
  • व्यापार, वाणिज्य और प्रबंधन

हस्त नक्षत्र के शुभ और अशुभ पहलू

  • शुभ कार्यों के लिए उत्तम: हस्तकला, व्यापार, शिक्षा और वैवाहिक कार्य।
  • अशुभ कार्यों के लिए: अत्यधिक विश्लेषण और संदेह से बचना चाहिए।

हस्त नक्षत्र के लिए उपाय

  • चंद्रमा की उपासना करें और शिव जी की पूजा करें।
  • सफेद कपड़े और मोती धारण करें।
  • ओम सोमाय नमः मंत्र का जाप करें।
  • निर्धनों को दान करें और सेवा कार्य करें।

निष्कर्ष

हस्त नक्षत्र के जातक कुशल, व्यावहारिक और बुद्धिमान होते हैं। ये लोग अपने कौशल और नेतृत्व क्षमता से समाज में प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं।