2. कृत्तिका नक्षत्र का प्रतीक और प्रकृति
- प्रतीक: तेज धार वाली छुरी या ब्लेड (जो साफ-सफाई और तीव्रता का प्रतीक है)।
- तत्व: अग्नि
- गुण: राजसिक
- श्रेणी: अधोमुखी नक्षत्र (नीचे की ओर प्रभाव डालने वाला)
- दिशा: पूर्व
- स्वभाव: राक्षस गण
3. कृत्तिका नक्षत्र के चार चरण (पद)
चरण |
राशि |
नवांश |
वर्णन |
1st चरण |
मेष |
सिंह |
नेतृत्व क्षमता, साहसी, आत्मविश्वास |
2nd चरण |
वृषभ |
कन्या |
व्यावहारिक, अनुशासित, मेहनती |
3rd चरण |
वृषभ |
तुला |
आकर्षक, कूटनीतिक, कला प्रेमी |
4th चरण |
वृषभ |
वृश्चिक |
रहस्यमयी, गूढ़, आध्यात्मिक झुकाव |
4. कृत्तिका नक्षत्र के गुण
- तेजस्वी और आत्मनिर्भर: जातक अपने दम पर आगे बढ़ते हैं।
- कटु वाणी: इनकी वाणी तेज हो सकती है।
- नेतृत्व क्षमता: यह नक्षत्र राजसी गुणों से युक्त होता है।
- न्यायप्रियता: जातक सच्चाई के पक्षधर होते हैं।
- अत्यधिक कार्यशील: मेहनती होते हैं।
- संभावित क्रोध: अग्नि तत्व के कारण गुस्सा आ सकता है।
5. कृत्तिका नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों का स्वभाव
- ये लोग स्पष्टवादी होते हैं।
- व्यक्तित्व में आकर्षण और ऊर्जा होती है।
- पारिवारिक मामलों में थोड़े सख्त हो सकते हैं।
- मेहनती और आत्मनिर्भर होते हैं।
6. कृत्तिका नक्षत्र के प्रभाव (राशि अनुसार)
(क) मेष राशि में कृत्तिका नक्षत्र (26°40' – 30°00')
- ऊर्जावान, महत्वाकांक्षी और आत्मनिर्भर।
- साहसी होते हैं और जोखिम लेने से नहीं डरते।
- नेतृत्व क्षमता रखते हैं।
(ख) वृषभ राशि में कृत्तिका नक्षत्र (0°00' – 10°00')
- व्यावहारिक, धैर्यवान और भौतिक सुखों के प्रेमी।
- पारिवारिक जीवन को प्राथमिकता देते हैं।
- कलात्मक दृष्टिकोण रखते हैं।
7. कृत्तिका नक्षत्र से प्रभावित करियर और व्यवसाय
- प्रशासनिक अधिकारी
- सेना, पुलिस या सुरक्षा सेवाएँ
- शेफ, फूड इंडस्ट्री
- मीडिया, लेखन, पत्रकारिता
- इंजीनियरिंग, निर्माण, धातु उद्योग
- आध्यात्मिक गुरु या प्रेरक वक्ता
8. कृत्तिका नक्षत्र में शुभ कार्य और विवाह
- शादी के लिए मध्यम माना जाता है।
- समान विचारधारा वाले जीवनसाथी की आवश्यकता होती है।
- विवाह, गृह प्रवेश, वाहन खरीदने के लिए यह नक्षत्र मध्यम होता है।
9. कृत्तिका नक्षत्र से संबंधित उपाय
- सूर्य देव की पूजा करें और अर्घ्य दें।
- गायत्री मंत्र और आदित्य ह्रदय स्तोत्र का जाप करें।
- गले में रूबी (माणिक्य) धारण करें।
- गाय को चारा खिलाएँ और जरूरतमंदों को भोजन दें।
10. कृत्तिका नक्षत्र के लिए शुभ रंग, अंक और रत्न
- शुभ रंग: सफेद और लाल
- शुभ अंक: 1 और 9
- शुभ रत्न: माणिक्य (रूबी)
- शुभ दिन: रविवार
11. कृत्तिका नक्षत्र के देवता और पौराणिक महत्व
- अधिष्ठाता अग्नि देव हैं।
- भगवान कार्तिकेय (मुरुगन) का नक्षत्र माना जाता है।
- पौराणिक रूप से, कृत्तिका की छह अप्सराएँ भगवान कार्तिकेय की माताएँ बनीं।
निष्कर्ष
कृत्तिका नक्षत्र के जातक तेजस्वी, साहसी और नेतृत्व क्षमता से युक्त होते हैं। जीवन में संघर्ष और चुनौतियाँ होती हैं, लेकिन मेहनत और आत्मविश्वास से ऊँचाइयाँ प्राप्त कर सकते हैं। अग्नि तत्व का प्रभाव होने से गुस्से और कठोरता पर नियंत्रण रखना चाहिए। उचित उपायों और आत्म-संयम से ये जातक सुखी और सफल जीवन जी सकते हैं।