रेवती नक्षत्र का विस्तृत विवरण

रेवती नक्षत्र 27 नक्षत्रों में सत्ताईसवाँ और अंतिम नक्षत्र है और यह मीन राशि (16°40' - 30°00') में स्थित होता है। इसका स्वामी ग्रह बुध है और इसका प्रतीक मछली या ड्रम (ढोलक) होता है, जो समृद्धि, कल्याण और सुरक्षा का प्रतीक है।

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र की विशेषताएँ

  • नाम का अर्थ: "अगला शुभ चरण" या "दूसरा सौभाग्यशाली पैर"
  • स्वामी ग्रह: शनि
  • चिह्न: दो पिछले पैर या सर्प
  • देवता: अहिर बुध्न्य (पाताल का नाग)
  • राशि स्वामी: गुरु
  • गुण: सात्त्विक
  • जाति: ब्राह्मण
  • शक्ति: ध्यान, तपस्या और आत्मज्ञान की शक्ति

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के गुण

  • गहरी सोच और आध्यात्मिक प्रवृत्ति
  • अनुशासनप्रिय और कर्मठ
  • गूढ़ रहस्यों में रुचि
  • उच्च नैतिकता और न्यायप्रियता
  • शांत और धैर्यशील स्वभाव

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के चार चरण और उनके प्रभाव

  • पहला चरण: शिक्षा, अनुसंधान और ज्ञान की प्राप्ति।
  • दूसरा चरण: आध्यात्मिकता, तपस्या और परोपकार।
  • तीसरा चरण: व्यापार, नेतृत्व और समाज सेवा।
  • चौथा चरण: कल्पनाशीलता, काव्य और संगीत में रुचि।

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र से संबंधित करियर और व्यवसाय

  • आध्यात्मिक गुरु, योगाचार्य और ध्यान प्रशिक्षक
  • शोधकर्ता, वैज्ञानिक और शिक्षक
  • गूढ़ विद्या विशेषज्ञ, ज्योतिषी और तांत्रिक
  • न्यायाधीश, वकील और सरकारी अधिकारी
  • मनोवैज्ञानिक, लेखक और काव्यकार

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के शुभ और अशुभ पहलू

  • शुभ कार्यों के लिए उत्तम: ध्यान, साधना, अनुसंधान और परोपकार।
  • अशुभ प्रभाव: कभी-कभी अत्यधिक गंभीरता, एकाकीपन और कठोरता।

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के लिए उपाय

  • भगवान शिव और शनिदेव की उपासना करें।
  • शनिवार को दान करें और व्रत रखें।
  • ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
  • नीले या काले वस्त्र पहनें और काले तिल का दान करें।
  • शनि मंत्र "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जाप करें।

निष्कर्ष

उत्तराभाद्रपद नक्षत्र के जातक स्थिर, धैर्यवान, गूढ़ रहस्यों में रुचि रखने वाले और उच्च आदर्शों पर चलने वाले होते हैं। इनका झुकाव शिक्षा, शोध और आध्यात्मिकता की ओर अधिक होता है।