श्रवण नक्षत्र का विस्तृत विवरण

श्रवण नक्षत्र 27 नक्षत्रों में बाईसवाँ नक्षत्र है और यह मकर राशि (10°00' - 23°20') में स्थित होता है। इसका स्वामी ग्रह चंद्रमा है और इसका प्रतीक कान (श्रवण शक्ति) होता है, जो ज्ञान, संवाद और सीखने की क्षमता का प्रतीक है।

श्रवण नक्षत्र की विशेषताएँ

  • नाम का अर्थ: सुनना या ज्ञान प्राप्त करना
  • स्वामी ग्रह: चंद्रमा
  • चिह्न: कान
  • देवता: भगवान विष्णु
  • राशि स्वामी: शनि
  • गुण: सात्त्विक
  • जाति: वैश्य
  • शक्ति: सीखने और जानकारी प्राप्त करने की शक्ति

श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के गुण

  • ज्ञान और शिक्षा प्रिय
  • संवाद कुशल
  • धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति
  • दूसरों की मदद करने वाले
  • समाज में प्रतिष्ठित स्थान

श्रवण नक्षत्र के चार चरण और उनके प्रभाव

  • पहला चरण: बुद्धिमान, शिक्षाविद और अनुसंधान में रुचि रखने वाले।
  • दूसरा चरण: कला, संगीत और संवाद कौशल में निपुण।
  • तीसरा चरण: समाज सेवा, आध्यात्मिकता और धार्मिक गतिविधियों में रुचि।
  • चौथा चरण: नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक योग्यता।

श्रवण नक्षत्र से संबंधित करियर और व्यवसाय

  • शिक्षा, शोध और अध्यापन
  • आध्यात्मिक गुरु, धार्मिक कार्यों से जुड़ा कार्य
  • संगीत, कला और साहित्य से जुड़े क्षेत्र
  • पत्रकारिता, लेखन और संवाद क्षेत्र
  • चिकित्सा और सामाजिक कार्य

श्रवण नक्षत्र के शुभ और अशुभ पहलू

  • शुभ कार्यों के लिए उत्तम: शिक्षा, अध्यात्म, परामर्श और परोपकार के कार्य।
  • अशुभ प्रभाव: कभी-कभी अत्यधिक भावुकता और अस्थिरता हो सकती है।

श्रवण नक्षत्र के लिए उपाय

  • भगवान विष्णु की उपासना करें।
  • ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
  • सफेद और हल्के नीले वस्त्र धारण करें।
  • सोमवार को दान करना शुभ होता है।

निष्कर्ष

श्रवण नक्षत्र के जातक ज्ञान, संवाद और सेवा भाव से युक्त होते हैं। इनकी ईश्वर में आस्था और समाज के प्रति सेवा भावना इन्हें विशेष बनाती है।