स्वाति नक्षत्र की विशेषताएँ
- नाम का अर्थ: शुद्ध या स्वतंत्र।
- स्वामी ग्रह: राहु
- चिह्न: हवा में बहती घास
- देवता: वायु देवता
- राशि स्वामी: तुला
- गुण: तामसिक
- जाति: देव
- शक्ति: स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की शक्ति
स्वाति नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के गुण
- स्वतंत्र और आत्मनिर्भर स्वभाव
- बुद्धिमान और सीखने की इच्छा रखने वाले
- मधुर वाणी और अच्छे वक्ता
- व्यावसायिक और चतुर
- आध्यात्मिक झुकाव
स्वाति नक्षत्र के चार चरण और उनके प्रभाव
- पहला चरण: आत्मनिर्भर और उत्साही।
- दूसरा चरण: कला और संगीत में रुचि।
- तीसरा चरण: नेतृत्व और व्यापार में निपुण।
- चौथा चरण: साहसी और स्वतंत्र विचारधारा वाले।
स्वाति नक्षत्र से संबंधित करियर और व्यवसाय
- व्यापार और स्टार्टअप
- मार्केटिंग और सेल्स
- यात्रा और पर्यटन उद्योग
- लेखन और संचार क्षेत्र
- ज्योतिष और आध्यात्मिक क्षेत्र
स्वाति नक्षत्र के शुभ और अशुभ पहलू
- शुभ कार्यों के लिए उत्तम: स्वतंत्र व्यापार, यात्रा, शिक्षा और कला।
- अशुभ कार्यों के लिए: अधीरता और अत्यधिक स्वार्थ से बचें।
स्वाति नक्षत्र के लिए उपाय
- वायु देवता की उपासना करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- नीला रंग पहनें और गोमेद रत्न धारण करें।
- ॐ वायवे नमः मंत्र का जाप करें।
- पक्षियों को दाना डालें और दान-पुण्य करें।
निष्कर्ष
स्वाति नक्षत्र के जातक स्वतंत्र, आत्मनिर्भर और बुद्धिमान होते हैं। ये व्यापार और यात्रा में सफल होते हैं और समाज में अपनी अलग पहचान बनाते हैं।