उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र की विशेषताएँ
- नाम का अर्थ: बाद की लालिमा या समृद्धि देने वाला।
- स्वामी ग्रह: सूर्य
- चिह्न: बिस्तर का पिछला भाग या सिंहासन
- देवता: आर्यमान (मैत्री, सौभाग्य और कृपा के देवता)
- राशि स्वामी: सिंह और कन्या (26°40' सिंह – 10°00' कन्या)
- गुण: राजसिक
- जाति: क्षत्रिय
- शक्ति: स्थिरता और समृद्धि की शक्ति
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातकों के गुण
- धैर्यवान और परिश्रमी
- नेतृत्व क्षमता से भरपूर
- दयालु और उदार
- संतुलित और न्यायप्रिय
- स्थायित्व और दीर्घकालिक सोच
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के चार चरण और उनके प्रभाव
- पहला चरण: राजसी स्वभाव, आत्मनिर्भरता, नेतृत्व क्षमता।
- दूसरा चरण: बौद्धिकता, व्यापारिक सोच, यथार्थवादी दृष्टिकोण।
- तीसरा चरण: सहनशीलता, व्यवहारिकता, और समर्पण।
- चौथा चरण: सेवा भाव, समाज कल्याण, और आध्यात्मिक झुकाव।
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र से संबंधित करियर और व्यवसाय
- प्रशासनिक सेवाएँ और राजनीति
- शिक्षा, अध्यापन और दार्शनिक कार्य
- चिकित्सा और सामाजिक सेवा
- वाणिज्य, व्यापार और प्रबंधन
- निर्माण, अचल संपत्ति और वास्तुशास्त्र
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के शुभ और अशुभ पहलू
- शुभ कार्यों के लिए उत्तम: विवाह, दीर्घकालिक निवेश, घर और संपत्ति से जुड़े कार्य।
- अशुभ कार्यों के लिए: अत्यधिक कठोरता, अहंकार और हठधर्मिता।
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के लिए उपाय
- सूर्य देवता की उपासना करें।
- आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- सच्चाई और नैतिकता को अपनाएँ।
- सोने और पीले रंग की चीजों का दान करें।
- आत्म-अनुशासन और संयम बनाए रखें।
निष्कर्ष
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के जातक धैर्यवान, परोपकारी और स्थिरता की ओर बढ़ने वाले होते हैं। वे समाज में अपनी ईमानदारी और न्यायप्रियता के लिए प्रसिद्ध होते हैं।