भल्लाट देवता का स्वरूप एवं महत्व
- दिशा: दक्षिण-पश्चिम
- प्रभाव: भवन की स्थायित्व, दीर्घायु एवं सुरक्षा
- तत्व: पृथ्वी और ठोस संरचना
- ग्रह संबद्धता: शनि
- ऊर्जा: स्थिरता, शक्ति, दीर्घायु और नकारात्मक ऊर्जा निवारण
भल्लाट देवता की कृपा के लाभ
- भवन मजबूत और टिकाऊ रहता है।
- प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा होती है।
- परिवार में स्थिरता और समृद्धि आती है।
- नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है।
वास्तु दोष निवारण के उपाय
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में भारी निर्माण कराएं।
- इस क्षेत्र को खुला न रखें, अन्यथा कमजोरी और अस्थिरता बढ़ सकती है।
- घर के इस भाग में कोई जल स्रोत (बोरवेल, पानी की टंकी) नहीं होना चाहिए।
- इस दिशा में पीले और भूरे रंग का उपयोग करें।
- भगवान शिव और शनि देव की आराधना करें।
निष्कर्ष
भल्लाट देवता भवन को मजबूत और स्थायी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि इनकी दिशा में कोई वास्तु दोष हो तो उसे उचित उपायों द्वारा ठीक किया जा सकता है, जिससे घर में सुरक्षा और समृद्धि बनी रहे।
"भल्लाट देवता की कृपा से जीवन में स्थिरता, शक्ति और समृद्धि प्राप्त होती है।"