जयंत देवता का स्वरूप
- अर्थ: विजय, समृद्धि और बल
- दिशा: पूर्व
- तत्व: वायु
- स्वामी: इंद्र
- गुण: ऊर्जा, बल, विजय
जयंत देवता और वास्तु शास्त्र
पूर्व दिशा को उगते सूरज की दिशा मानी जाती है, और यह सफलता, नई शुरुआत और समृद्धि को दर्शाती है। जयंत देवता के प्रभाव से इस दिशा में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
✅ शुभ प्रभाव
- सफलता और उन्नति
- शारीरिक और मानसिक शक्ति
- आर्थिक स्थिति में सुधार
- नई योजनाओं में सफलता
❌ अशुभ प्रभाव (वास्तु दोष)
- मानसिक तनाव और बाधाएँ
- परिवार में अस्थिरता
- स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ
- कार्य में विफलता
जयंत देवता की पूजा और उपाय
- पूर्व दिशा में सूर्यदेव या जयंत देवता की मूर्ति स्थापित करें।
- नियमित रूप से गायत्री मंत्र का जाप करें।
- घर के पूर्वी भाग को स्वच्छ और हल्का रखें।
- सुबह-सुबह सूर्य को अर्घ्य दें।
- इस दिशा में जल स्रोत बनाना शुभ होता है।
निष्कर्ष
जयंत देवता विजय और सफलता के प्रतीक हैं। पूर्व दिशा में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने और वास्तु नियमों का पालन करने से जीवन में सफलता, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहती है।