नाग वास्तु देवता का परिचय

वास्तु शास्त्र में नाग देवता को प्रमुख सुरक्षा और स्थिरता प्रदान करने वाले देवता माना जाता है। नाग देवता गुप्त ऊर्जा, रहस्य, शक्ति और आध्यात्मिक उन्नति के प्रतीक हैं। यह विशेष रूप से भूमिगत ऊर्जा और जल स्रोतों से जुड़े होते हैं, जिनका प्रभाव भवन और स्थान की सकारात्मकता पर पड़ता है।

परिचय

नाग देवता का स्वरूप और महत्व

  • दिशा: दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण)
  • तत्व: पृथ्वी और जल
  • प्रभाव: सुरक्षा, स्थिरता, संपत्ति की रक्षा
  • ग्रह: राहु और केतु
  • ऊर्जा: गुप्त शक्तियां, आध्यात्मिक उन्नति, रहस्यवाद
  • प्रतीक: सर्प, नाग मूर्ति, नागकुंड

नाग वास्तु दोष और उसके प्रभाव

  • घर में बार-बार स्वास्थ्य समस्याएं आना
  • मानसिक तनाव और भय का बना रहना
  • धन-संपत्ति में अचानक हानि होना
  • संतान संबंधी समस्याएं

नाग देवता की कृपा पाने के उपाय

  • नाग देवता की नियमित पूजा करें
  • नाग पंचमी के दिन नाग देवता का अभिषेक करें
  • घर के दक्षिण-पश्चिम में सर्प यंत्र या नाग मूर्ति स्थापित करें
  • पीपल और बेल के वृक्ष के नीचे नाग देवता की प्रार्थना करें
  • भगवान शिव की पूजा करें, क्योंकि नाग देवता शिव के आभूषण माने जाते हैं

निष्कर्ष

नाग देवता वास्तु शास्त्र में सुरक्षा, स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति के प्रतीक हैं। यदि नाग वास्तु दोष हो तो उचित उपाय करके इसे ठीक किया जा सकता है और नाग देवता की कृपा से जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।

"नाग देवता की कृपा से घर और परिवार सुरक्षित व समृद्ध रहता है।"