मानसागरी ग्रंथ का परिचय

मानसागरी एक प्राचीन ज्योतिष ग्रंथ है, जो वैदिक ज्योतिष (वेदिक एस्ट्रोलॉजी) के गूढ़ रहस्यों को समझाने वाला महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। यह ग्रंथ भारतीय ज्योतिष के विभिन्न विषयों को विस्तृत रूप से वर्णित करता है, जिसमें जन्मकुंडली (Horoscope), ग्रहों के प्रभाव, योग, दशा, प्रश्न ज्योतिष, मुहूर्त, और अन्य ज्योतिषीय सिद्धांत शामिल हैं।


मानसागरी ग्रंथ का परिचय

  • रचयिता: इस ग्रंथ के रचयिता को लेकर अलग-अलग मत हैं, लेकिन इसे परंपरागत रूप से वराहमिहिर के समय के बाद का माना जाता है।
  • भाषा: यह संस्कृत में लिखा गया है।
  • कुल अध्याय: मानसागरी ग्रंथ पाँच खंडों में विभाजित है।
  • विषय-वस्तु: यह ग्रंथ न केवल जन्मकुंडली के फलादेश (Horoscope Predictions) पर चर्चा करता है, बल्कि योग, दशा, प्रश्न ज्योतिष, मुहूर्त और उपचार भी बताता है।

मानसागरी ग्रंथ की प्रमुख विशेषताएँ

(1)जन्मकुंडली (Horoscope) और ग्रहों का प्रभाव

  • किसी व्यक्ति की कुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति और उनका प्रभाव कैसे पड़ेगा, इसका विस्तृत वर्णन किया गया है।
  • विभिन्न ग्रहों के शुभ और अशुभ फल कैसे होंगे, इसकी भविष्यवाणी दी गई है।

(2) योग और राजयोग (Yogas & Raja Yogas)

  • कुंडली में मौजूद विभिन्न योगों (जैसे राजयोग, धन योग, पंचमहापुरुष योग) का विस्तार से वर्णन किया गया है।
  • इन योगों से जातक के जीवन में सुख-संपत्ति, मान-सम्मान और सफलता कैसे मिलेगी, इसकी चर्चा की गई है।

(3) दशा और गोचर (Dasha & Transit)

  • विभिन्न ग्रहों की दशा (महादशा, अंतरदशा) के फल और उनके प्रभाव को समझाया गया है।
  • गोचर (Transit) के प्रभावों की भी विस्तृत जानकारी दी गई है।

(4) प्रश्न ज्योतिष (Horary Astrology)

  • किसी भी प्रश्न का उत्तर ज्योतिषीय गणना द्वारा कैसे निकाला जाए, यह बताया गया है।
  • प्रश्न कुंडली के आधार पर भविष्यवाणी करने के नियम दिए गए हैं।

(5) मुहूर्त (Auspicious Timing)

  • शुभ कार्यों के लिए सही समय (मुहूर्त) की गणना कैसे करें, इसकी विधि दी गई है।
  • विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ, यात्रा, शिक्षा आदि के लिए शुभ मुहूर्त बताए गए हैं।

(6) उपचार और उपाय (Remedies & Solutions)

  • ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए मंत्र, दान, पूजा और रत्न धारण करने के उपाय बताए गए हैं।
  • विभिन्न दोषों (ग्रह दोष, पितृ दोष, कालसर्प दोष आदि) को ठीक करने के उपाय भी दिए गए हैं।

मानसागरी ज्योतिष का महत्व

  • यह ग्रंथ ज्योतिष में गहराई से रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक अनमोल खजाना है।
  • जन्मकुंडली के विश्लेषण और भविष्यवाणी के लिए इसमें उपयोगी सूत्र दिए गए हैं।
  • यह ग्रंथ वेदांग ज्योतिष के गूढ़ रहस्यों को समझने में मदद करता है।


मानसागरी संहिता एक प्रसिद्ध ज्योतिष ग्रंथ है, जिसमें विभिन्न ज्योतिषीय योगों, ग्रहों की स्थिति, राशियों, दशाओं और अन्य तत्वों का विस्तृत विवरण दिया गया है। इसमें पौराणिक और तांत्रिक मंत्रों का भी उल्लेख मिलता है, जिनका उपयोग ग्रह शांति, दोष निवारण और आध्यात्मिक सिद्धियों के लिए किया जाता है।
यदि आप किसी विशेष उद्देश्य के लिए मानसागरी में वर्णित पौराणिक मंत्रों की तलाश कर रहे हैं—जैसे कि नवग्रह शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि, विवाह, संतान प्राप्ति, या किसी विशेष ग्रह दोष निवारण—तो कृपया स्पष्ट करें ताकि मैं आपको उचित मंत्र प्रदान कर सकूँ।

1. ग्रह शांति मंत्र

सूर्य मंत्र:

  • "ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः।"

चंद्र मंत्र:

  • "ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः।"

2. व्यापार वृद्धि मंत्र

  • "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्धि विनायकाय नमः।"

3. संतान सुख मंत्र

  • "ॐ ह्रीं उमादेव्यै नमः।"

अगर आप मानसागरी में विशेष रूप से उल्लिखित मंत्रों की खोज कर रहे हैं, तो मैं और गहराई से जानकारी खोज सकता हूँ।

निष्कर्ष:

  • मानसागरी भारतीय ज्योतिष का एक अद्भुत ग्रंथ है, जो जन्मकुंडली, ग्रहों के प्रभाव, योग, दशा, मुहूर्त और ज्योतिषीय उपायों की विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। यदि आप ज्योतिष सीखना चाहते हैं या अपनी कुंडली का गहन विश्लेषण करना चाहते हैं, तो यह ग्रंथ बहुत उपयोगी हो सकता है।
    क्या आप किसी विशेष विषय पर मानसागरी ग्रंथ से जानकारी चाहते हैं?