नंदी का वास्तु शास्त्र में महत्व
वास्तु शास्त्र और हिंदू धर्म में नंदी बैल को भगवान शिव का वाहन और उनका प्रिय भक्त माना जाता है। नंदी सिर्फ एक वाहन नहीं बल्कि धैर्य, शक्ति, समर्पण और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने का प्रतीक है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर या ऑफिस में पीतल (Brass) का नंदी रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और वास्तु दोष दूर होते हैं।
पीतल (Brass) नंदी रखने के लाभ
सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है
- नंदी को घर या कार्यालय में रखने से वहां सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- यह नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाने में सहायक होता है।
धैर्य और दृढ़ता प्रदान करता है
- नंदी धैर्य और शक्ति का प्रतीक है, जिससे घर के सदस्यों में धैर्य और आत्मविश्वास बढ़ता है।
व्यापार और करियर में सफलता
- कार्यालय या दुकान में पीतल नंदी रखने से व्यापार में उन्नति और आर्थिक लाभ होता है।
- यह निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है।
स्वास्थ्य में सुधार
- नंदी की उपस्थिति से घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
- यह मानसिक तनाव को कम करता है और शांति प्रदान करता है।
वास्तु दोष निवारण
- यदि घर में कोई वास्तु दोष हो तो पीतल नंदी रखने से इसका प्रभाव कम हो जाता है।
- विशेष रूप से दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
पीतल (Brass) नंदी को कहां और कैसे रखें?
पूजा कक्ष में
- भगवान शिव की प्रतिमा के सामने रखें।
- शिवलिंग के पास रखना विशेष रूप से शुभ होता है।
मुख्य द्वार के पास
- यदि घर में बार-बार झगड़े होते हैं या नकारात्मकता रहती है तो मुख्य द्वार के पास रखें।
व्यापार स्थल या कार्यालय में
- ऑफिस में टेबल या काउंटर पर पीतल नंदी रखने से व्यापार में वृद्धि होती है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में
- वास्तु दोष दूर करने के लिए इसे दक्षिण-पश्चिम (South-West) दिशा में रखा जा सकता है।
बेडरूम में न रखें
- वास्तु शास्त्र के अनुसार, नंदी को बेडरूम में रखना अशुभ माना जाता है।
कौन सा नंदी श्रेष्ठ होता है?
धातु का प्रकार |
प्रभाव |
पीतल (Brass) नंदी |
समृद्धि, शक्ति और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है |
तांबे (Copper) का नंदी |
मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा बढ़ाता है |
चांदी (Silver) का नंदी |
भाग्य और धन वृद्धि में सहायक |
- पीतल (Brass) नंदी विशेष रूप से व्यापार, करियर और आर्थिक उन्नति के लिए सबसे शुभ माना जाता है।