कार्यालय वास्तु: ( Vastu for Offices )

वास्तु शास्त्र, भारतीय वास्तुकला का एक प्राचीन विज्ञान, कार्यालयों में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को अनुकूलित करने के लिए सिद्धांतों का एक समूह प्रदान करता है। एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किया गया कार्यालय, वास्तु सिद्धांतों के अनुसार, उत्पादकता, रचनात्मकता और समग्र सफलता को बढ़ावा दे सकता है। यहाँ कार्यालयों के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स दिए गए हैं:


1. कार्यालय का स्थान

  • * उत्तम दिशा: कार्यालय भवन का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। ये दिशाएँ सकारात्मक ऊर्जा और विकास से जुड़ी हैं।
  • * भूखंड का आकार: आयताकार या वर्गाकार भूखंड शुभ माने जाते हैं। अनियमित आकार के भूखंडों से बचना चाहिए।
  • * आंतरिक स्थान: कार्यालय के भीतर, महत्वपूर्ण व्यक्तियों के लिए कमरे (जैसे मालिक या सीईओ) दक्षिण-पश्चिम कोने में होने चाहिए।

2. प्रवेश द्वार

  • * दिशा: कार्यालय का मुख्य द्वार उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह ऊर्जा के प्रवाह को सुगम बनाता है।
  • * स्पष्टता: प्रवेश द्वार साफ, सुव्यवस्थित और अच्छी तरह से प्रकाशित होना चाहिए। किसी भी प्रकार की बाधा से बचना चाहिए।

3. रिसेप्शन क्षेत्र

  • * स्थान: रिसेप्शन क्षेत्र प्रवेश द्वार के पास होना चाहिए, ताकि आने वाले लोगों का स्वागत किया जा सके।
  • * दिशा: रिसेप्शनिस्ट का मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • * सजावट: इस क्षेत्र को आकर्षक और स्वागत योग्य बनाने के लिए हल्के रंगों का उपयोग करें और कुछ पौधे लगाएं।

4. कर्मचारियों के कार्यक्षेत्र

  • * दिशा: कर्मचारियों को उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके बैठना चाहिए। यह उत्पादकता और एकाग्रता को बढ़ाता है।
  • * व्यवस्था: डेस्क को इस तरह से व्यवस्थित करें कि कर्मचारियों के बीच पर्याप्त जगह हो और वे आराम से काम कर सकें।
  • * प्रकाश: कार्यक्षेत्र में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी होनी चाहिए। यदि प्राकृतिक रोशनी उपलब्ध नहीं है, तो उचित कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था करें।

5. वरिष्ठ अधिकारियों के कक्ष

  • * दिशा: वरिष्ठ अधिकारियों के कक्ष दक्षिण-पश्चिम दिशा में होने चाहिए। यह नेतृत्व और स्थिरता का प्रतीक है।
  • * व्यवस्था: उनके कमरे बड़े और आरामदायक होने चाहिए। उनकी डेस्क इस तरह से रखी जानी चाहिए कि उनका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में हो।

6. सम्मेलन कक्ष

  • * दिशा: सम्मेलन कक्ष उत्तर-पश्चिम या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
  • * आकार: यह आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए।
  • * रंग: हल्के रंगों का उपयोग करें और पर्याप्त रोशनी सुनिश्चित करें।

7. वित्त विभाग

  • * दिशा: वित्त विभाग दक्षिण-पूर्व दिशा में होना चाहिए। यह धन और समृद्धि से जुड़ा है।
  • * सुरक्षा: कैश रूम या तिजोरी दक्षिण-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।

8. पेंट्री/कैंटीन

  • * दिशा: पेंट्री या कैंटीन उत्तर-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
  • * स्वच्छता: यह क्षेत्र साफ और स्वच्छ होना चाहिए।

9. शौचालय

  • * दिशा: शौचालय उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा में होने चाहिए।
  • * स्वच्छता: शौचालय हमेशा साफ और स्वच्छ रहने चाहिए। किसी भी प्रकार की दुर्गंध से बचना चाहिए।

10. अन्य महत्वपूर्ण बातें

  • * रंग: कार्यालय में हल्के और शांत रंगों का उपयोग करें।
  • * प्रकाश: पर्याप्त प्राकृतिक और कृत्रिम रोशनी होनी चाहिए।
  • * स्वच्छता: कार्यालय हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रहना चाहिए।
  • * पौधे: पौधे सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं और हवा को शुद्ध करते हैं।
  • * पानी: पानी का स्रोत उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि वास्तु एक जटिल विज्ञान है, यदि आप अपने कार्यालय के लिए विशिष्ट वास्तु सलाह चाहते हैं, तो आपको एक वास्तु विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए।