वास्तु शास्त्र के अनुसार रिज़ॉर्ट (Resort) का निर्माण और सजावट
वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी भी रिज़ॉर्ट (Resort) का सही स्थान, संरचना, और आंतरिक सज्जा अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। यदि रिज़ॉर्ट वास्तु सिद्धांतों के अनुसार बनाया जाए, तो यह न केवल आकर्षक और लाभकारी बनता है, बल्कि पर्यटकों को भी शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
1. रिज़ॉर्ट के लिए सही स्थान (Location Selection for Resort)
(i) प्राकृतिक तत्वों का महत्व
रिज़ॉर्ट का निर्माण प्राकृतिक स्थानों जैसे पहाड़ों, नदियों, समुद्र तटों या हरियाली के पास करना लाभकारी होता है।
उत्तर-पूर्व (NE) दिशा में नदी, झील या स्वच्छ पानी का स्रोत होना शुभ माना जाता है।
दक्षिण-पश्चिम (SW) दिशा में पहाड़ या ऊँचाई होने से रिज़ॉर्ट की स्थिरता बनी रहती है।
(ii) भूमि चयन (Land Selection)
रिज़ॉर्ट की भूमि समतल होनी चाहिए, अधिक ऊँचाई-नीचाई वाली जमीन से बचना चाहिए।
भूखंड का उत्तर और पूर्व भाग ऊँचा होना चाहिए तथा दक्षिण और पश्चिम भाग थोड़ा नीचा होना शुभ होता है।
भूमि खरीदने से पहले वहाँ भू-शुद्धि (Land Purification) एवं वास्तु पूजन अवश्य करें।
3. रिज़ॉर्ट की संरचना और डिजाइन (Resort Layout and Design as per Vastu)
(i) रिसेप्शन (Reception Area)
रिसेप्शन काउंटर उत्तर-पूर्व (NE) या पूर्व दिशा में होना चाहिए।
रिसेप्शन डेस्क का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
रिसेप्शन क्षेत्र में क्रिस्टल बॉल या फव्वारा रखने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
(ii) गेस्ट रूम (Guest Rooms)
अतिथि कक्षों (Guest Rooms) को उत्तर, उत्तर-पश्चिम (NW) या पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए।
कमरे चौकोर या आयताकार होने चाहिए, गोल या त्रिकोणीय कमरे वास्तु के अनुसार सही नहीं होते।
गेस्ट रूम की खिड़कियां पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए, जिससे प्राकृतिक रोशनी और ताजगी बनी रहे।
(iii) स्विमिंग पूल (Swimming Pool)
रिज़ॉर्ट में स्विमिंग पूल को उत्तर-पूर्व (NE) या पूर्व दिशा में रखना शुभ होता है।
इससे जल तत्व का संतुलन बना रहता है और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
स्विमिंग पूल के पास हरियाली और प्राकृतिक तत्वों का समावेश करना चाहिए।
(iv) किचन और रेस्तरां (Kitchen & Restaurant)
रिज़ॉर्ट की किचन दक्षिण-पूर्व (SE) दिशा में होनी चाहिए।
रेस्तरां का स्थान उत्तर-पूर्व (NE) या उत्तर दिशा में होना चाहिए, जिससे ग्राहक यहाँ आकर सहज महसूस करें।
रेस्तरां में हल्के पीले, नारंगी और हल्के लाल रंगों का प्रयोग करें।
(v) मनोरंजन क्षेत्र (Entertainment & Recreational Areas)
जिम, स्पा, योगा हॉल आदि को उत्तर-पूर्व (NE) या पूर्व दिशा में बनाना उत्तम होता है।
खेल परिसर (Sports Area) या मनोरंजन स्थल उत्तर-पश्चिम (NW) या पश्चिम दिशा में रख सकते हैं।
गार्डन, बच्चों के खेलने के क्षेत्र और फव्वारे को उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना शुभ माना जाता है।
2. रिज़ॉर्ट का मुख्य द्वार (Main Entrance of Resort)
(i) प्राकृतिक तत्वों का महत्व
रिज़ॉर्ट का मुख्य द्वार उत्तर, उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में होना शुभ माना जाता है।
दरवाजा बड़ा, सुंदर और आकर्षक होना चाहिए, जिससे पर्यटक सकारात्मक ऊर्जा महसूस करें।
मुख्य द्वार पर स्वस्तिक, ओम या शुभ चिह्न बनाए जा सकते हैं।
4. रंगों का चयन (Color Selection as per Vastu for Resort)
(i) रिसेप्शन और लॉबी के लिए
हल्का पीला, क्रीम, हल्का हरा और हल्का नीला रंग उत्तम होता है।
ज्यादा गहरे या काले रंगों से बचें।
(ii) गेस्ट रूम के लिए
कमरे में हल्के गुलाबी, हल्के नीले, सफेद या क्रीम रंग का उपयोग करें।
कमरे में बहुत गहरे रंगों (ब्लैक, ब्राउन, डार्क रेड) का प्रयोग न करें, यह नकारात्मकता ला सकता है।
(iii) रेस्तरां के लिए
रेस्तरां में लाल, नारंगी और पीले रंगों का संयोजन अच्छा माना जाता है, जिससे भूख बढ़ती है।
हल्के लकड़ी के फर्नीचर और हरियाली से सुसज्जित करें।
(iv) गार्डन और ओपन स्पेस
हरियाली, रंग-बिरंगे फूलों और प्राकृतिक झरनों का समावेश करें।
पत्थरों और लकड़ी के सजावटी तत्वों का प्रयोग करें।
5. रिज़ॉर्ट में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए वास्तु टिप्स
रिज़ॉर्ट के गार्डन में तुलसी, मनी प्लांट, बांस और पीपल जैसे पौधे लगाएं।
आगंतुकों की सकारात्मकता बढ़ाने के लिए रिज़ॉर्ट के अंदर शंख, घंटियां और सुगंधित मोमबत्तियां रखें।
रिसेप्शन पर क्रिस्टल बॉल और पानी से भरा हुआ बाउल रखें, इससे ग्राहकों की संख्या में वृद्धि होती है।
कमरों में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए राधा-कृष्ण या प्राकृतिक दृश्यों की पेंटिंग लगाएं।
टूटी हुई वस्तुएं, पुराने जूते, फटे हुए परदे और बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान को तुरंत हटा दें।
6. रिज़ॉर्ट का व्यवसायिक लाभ बढ़ाने के लिए वास्तु उपाय
कैश काउंटर और अकाउंट सेक्शन को दक्षिण-पूर्व (SE) दिशा में रखें।
लॉबी और रिसेप्शन क्षेत्र को अच्छी रोशनी और खुला बनाएं, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
ग्राहक संतुष्टि बढ़ाने के लिए प्रत्येक कमरे में सुगंधित फूल या हर्बल इत्र का उपयोग करें।
वास्तु दोष निवारण के लिए समय-समय पर मंत्रोच्चार, हवन या पूजन करवाएं।
निष्कर्ष
रिज़ॉर्ट का निर्माण और डिजाइन वास्तु शास्त्र के अनुसार करने से उसका सौंदर्य, सफलता और ग्राहकों की संतुष्टि बढ़ती है। सही दिशा, रंग संयोजन, प्राकृतिक तत्वों का उपयोग और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने से रिज़ॉर्ट न केवल आर्थिक रूप से लाभदायक होता है बल्कि पर्यटकों को भी मानसिक और शारीरिक शांति प्रदान करता है।
निष्कर्ष
यदि रसोईघर सही दिशा में और वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार बना हो, तो घर में सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति बनी रहती है। इसलिए, किचन की दिशा, गैस स्टोव की स्थिति, पानी की व्यवस्था, रंग और अन्य तत्वों का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है।