वास्तु शास्त्र के अनुसार, भवन और भूमि की ऊर्जाओं को संतुलित करने के लिए 45 देवताओं का वर्णन किया गया है। ये देवता भवन के विभिन्न भागों में स्थित होते हैं और उनके अनुसार निर्माण कार्य करना शुभ माना जाता है।
इन 45 देवताओं की ऊर्जा से वास्तु का संतुलन बना रहता है। सही दिशा में सही देवता के अनुरूप कार्य करने से घर और व्यापार में समृद्धि, सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।